राष्ट्र सेविका समिति कोरबा विभाग का पांच दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण वर्ग संपन्न
राजू सैनी की खबर
राष्ट्र सेविका समिति कोरबा विभाग का 5 दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण वर्ग बांकीमोंगरा के पास “दिव्य मंगलम” ग्राम – अरदा में संपन्न हुआ। जिसमें जिला -कोरबा, जांजगीर-चांपा एवं शक्ति एवं रायगढ़ की कुल 189 सेविकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण वर्ग को सफल बनाने में 6 शिक्षिकाओं की मुख्य सहभागिता रही। इस अवसर पर भारतीय संस्कृति के अनुरूप दिनचर्या का पालन करते हुए सेविकाओं के शारीरिक, बौद्धिक एवं मानसिक विकास के विभिन्न कार्यक्रम कराये गये। जिसमें मातृशक्ति को दण्ड एवं यष्ठी के अभ्यास ,योगा, आदि का शारीरिक प्रशिक्षण कराया गया एवं विभिन्न विषयों पर प्रतिदिन विभिन्न वक्ताओं के द्वारा बौद्धिक का विषय रखा गया ।
राष्ट्र सेविका समिति कोरबा- विभाग का यह प्रशिक्षण वर्ग 1 मई को प्रारंभ हुआ। जिसका समापन 5 मई को हुआ। इस वर्ग में वर्गाधिकारी राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत सह सेवा प्रमुख श्रीमती मंजू अजय दुबे थीं । जबकि वर्ग कार्यवाहिका सुश्री सरस्वती गबेल थीं।
उद्घाटन सत्र में बांकीमोंगरा के गणमान्य नागरिक एवं समाजसेवी श्री प्रमोद अग्रवाल जी मुख्य अतिथि थे। जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे ऐसे पुण्य कार्य के लिए सदैव खड़े रहेंगे।जबकि समापन सत्र के दिन डॉ. अंजू सिन्हा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्य शाली हैं, जिन्हें ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, समाज को सही दिशा और आत्मनिर्भर बनाने मे महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है, और इसके लिए राष्ट्र सेविका समिति निरंतर आगे आते रहे, समाज के सभी महिलाओं को जुड़कर कार्य को गति देना चाहिए। ।
समापन सत्र में मुख्य वक्ता राष्ट्र सेविका समिति की सह प्रांत कार्यवाहिका श्रीमती अजिता गनोदवाल गोडवले थीं। जिन्होंने राष्ट्र सेविका समिति के उद्देश्य एवं राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति एवं सेविकाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेविकाएं सदैव भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं समाज के कल्याण के लिए तत्पर रहती हैं। प्राचीन काल से हम भारतीय नारी, त्यागी और बलिदानी हुआ करती थी।हमे अपना स्व को याद करना है और अपने स्व को पाने के लिए जो आधुनिक इतिहास मे नारियों की योगदान को कमतर बताया जाता है। हमे जानना चाहिए। हमे अपने भारतीय परंपरा के अनुसार आचरण और व्यवहार करना चाहिए। और देश के विकास मे कंधे से कंधे मिलाकर चलना चाहिए । वर्ग को सफल बनाने में बांकीमोंगरा,अरदा, कुसमुंडा, गेवरा एवं कोरबा के गणमान्य नागरिकों, समाजसेवियों एवं मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।